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मल्लिकार्जुन खड़गे का इशारा अमेठी से राहुल रायबरेली से प्रियंका लड़ सकते हैं चुनाव

मल्लिकार्जुन खड़गे का इशारा अमेठी से राहुल रायबरेली से प्रियंका लड़ सकते हैं चुनाव

लोकसभा चुनावों में जहां कांग्रेस ने यूपी की कई सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए है। वहीं अमेठी और रायबरेली को लेकर अभी भी पार्टी के अंदर संशय बना हुआ है।

खबरीलाल न्यूज डेस्क: देश में हो रहे लोकसभा चुनावों में दूसरे चरण का मतदान सम्पूर्ण हो चुका है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर में ज्यादातर सियासी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए है। कांग्रेस यूपी की दो सीटों को लेकर अभी भी संशय में नजर आ रही है। ये दो सीटें वही है। जो लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है। अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने अभी भी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। देरी क्यों हो रही है। यह पता नहीं चल पाया है। पार्टी की तरफ से कुछ दिन पहले कहा गया था कि सीईसी की बैठक में फैसला ले लिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब गेंद पूरी तरह से मल्लिकार्जुन खडगे के पाले में गई है।

 

राहुल और प्रियंका हो सकते है प्रत्याशी

पिछले कई वर्षो से रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। गांधी परिवार का इस सीट ने हमेशा ही दबदबा रहा है। लेकिन बीजेपी के आने के बाद यह सीट काफी कमजोर होती चली गई। आंकड़े बताते है कि 2009 में यूपीए को 72% वोट मिले। 2014 में 63% तो वहीं 2019 में 55% ही रह गया। ऐसे में इस बार भी खतरा कम नही है। दूसरी तरफ अमेठी का तो और भी बुरा हाल है। पिछले चुनाव ने जिस तरह से स्मृति ईरानी ने अमेठी में फतह किया है। उससे कांग्रेस तीतर बितर हो गई है। 2009 के चुनाव में जब राहुल गांधी दूसरी बार अमेठी से जीते तो उन्हे 71% वोट मिला। 2014 में 46% हो गया। और 2019 में तो 45% रह गया। ऐसे में इस बार कांग्रेस अपनी सीटों को बचाने की जुगत में लगी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष के बयान से संकेत मिल रहे है। कि इस बार अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती है।

नहीं बचा यूपी में कांग्रेस का अस्तित्व

यह सच्चाई है कि एक समय तक उत्तर प्रदेश में अपना वर्चस्व कायम रखने वाले कांग्रेस पार्टी आज उत्तर प्रदेश में सीटों के लिए संघर्ष कर रही है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का अस्तित्व खत्म सा हो चुका है। साल 2014 के बाद जब से बीजेपी ने दस्तक दी है कांग्रेस का वोट परसेंट तो काम हुआ ही है। साथ ही सीटों में भी भारी कमी आई है। इसके अलावा क्षेत्रीय पार्टियों जैसे समाजवादी पार्टी, रालोद, बसपा पार्टी ने कांग्रेस की सीटों पर सेंधमारी जमकर की है। कांग्रेस आज केंद्र से लेकर राज्य स्तरीय तक हर जगह कमजोर नजर आ रही है। कांग्रेस को अगर उत्तर प्रदेश में अपनी पैठ बनानी है तो उसे कुछ अलग करना होगा। क्योंकि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बूथ स्तर से लेकर काफी कमजोर है ऐसे में उसे रणनीति बनानी होगी।

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