मोदी और राहुल के चुनावी भाषणों पर इलेक्शन कमीशन ने भेजा नोटिस, 29 अप्रैल तक देना होगा जवाब
इलेक्शन कमीशन ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को नोटिस भेजा है। जिसमें चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
खबरीलाल न्यूज डेस्क: लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी,राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर सख्त एक्शन लेते हुए नोटिस भेजा है। यह नोटिस कल 25 अप्रैल को भेजा गया जिस पर चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने एक दूसरे पर धर्म जाति भाषा और समुदाय के आधार पर नफरत और विभाजन करने का आरोप लगाया है।।आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 77 को लागू किया। इसके तहत कार्यवाई की गई है।
पीएम ने भाषण में क्या कहा था
दरअसल राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम नरेंद्र मोदी 21 अप्रैल को एक रैली संबोधित कर रहे थे। जिसमें कांग्रेस ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी सीधे-सीधे एक समुदाय को टारगेट कर रहे हैं। जो आचार संहिता के खिलाफ है। पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति का सर्वे कर घुसपैठियों को बांटने वाली है। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस बयान की शिकायत की। जिसके बाद चुनाव आयोग ने जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी किया। और 29 अप्रैल तक इस मामले में जवाब मांगा।
बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया झूठा आरोप
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस पीएम मोदी और पार्टी पर झूठे आरोप लगा रही है। जिस पर भाजपा ने कांग्रेस की शिकायत भी दर्ज कराई थी। बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी देश पर गरीबी बढ़ाने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी चुनावी माहौल खराब कर रहे हैं। वह भाषा के साथ-साथ उत्तर और दक्षिण के विभाजन की भी बात कर रहे हैं जो सरासर गलत है। बीजेपी का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिलकर या शिकायत कि राहुल गांधी भाजपा के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं। आपको बता दे कि राहुल गांधी ने कहा था कि देश में 20 करोड लोग गरीब हो गए हैं। जबकि भाजपा ने कहा कि नीति रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में 25 करोड़ गरीब गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं।