महाराष्ट्र चुनाव परिणाम 2024: महायुति की शानदार बढ़त काम ना आया ध्रुव राठी का विडिओ
खबरीलालन्यूज डेस्क – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में सत्तारूढ़ महायुति (भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, और अजित पवार की एनसीपी) ने बड़ी बढ़त बनाई है। महायुति फिलहाल 288 में से 225 सीटों पर आगे चल रही है, जो कि स्पष्ट बहुमत से कहीं अधिक है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे “शानदार जीत” करार दिया है। दूसरी ओर, विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) — जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं — अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाई।
### **सीट बंटवारा और गठबंधन का प्रदर्शन**
महायुति के तहत भाजपा ने 148 सीटों पर, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 80 सीटों पर, और अजित पवार की एनसीपी ने 52 सीटों पर चुनाव लड़ा। शुरुआती रुझानों और परिणामों के अनुसार, भाजपा सबसे अधिक सीटों पर आगे है, जबकि शिंदे और अजित पवार के गुटों ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है। महा विकास आघाड़ी में कांग्रेस 44, उद्धव गुट 15, और शरद पवार की एनसीपी 13 सीटों पर आगे चल रही है।
### **मुख्य क्षेत्रीय प्रदर्शन**
1. **मुंबई और पुणे क्षेत्र:** भाजपा और शिंदे गुट को यहां व्यापक समर्थन मिला है। भाजपा ने शहरी क्षेत्रों में अपने प्रभाव को बरकरार रखा है।
2. **बारामती:** शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले इस प्रतिष्ठित सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं, लेकिन एनसीपी का प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में कमजोर रहा है।
3. **विदर्भ और मराठवाड़ा:** विदर्भ में भाजपा मजबूत बनी हुई है, जबकि मराठवाड़ा में एमवीए को संघर्ष करना पड़ा।
### **चुनावी मुद्दे और रणनीतियां**
महायुति ने अपनी योजनाओं, जैसे “माझी लाडकी बहिण” (महिलाओं के लिए), और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार पर जोर दिया। वहीं, एमवीए ने सरकार को महंगाई, किसानों की समस्याओं और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। हालांकि, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व और भाजपा के संगठित प्रयासों ने मतदाताओं को प्रभावित किया।
### **वोट प्रतिशत और रुझान**
मतदान दर लगभग 58% रही, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से भागीदारी देखी गई। शुरुआती नतीजों से यह साफ है कि शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में महायुति को भारी समर्थन मिला, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में एमवीए ने कुछ बढ़त बनाई।
### **आगे की चुनौतियां**
महायुति के लिए यह जीत सत्ता में बने रहने का अवसर तो है, लेकिन गठबंधन के भीतर तालमेल और विपक्ष की भूमिका पर सवाल बने रहेंगे। खासकर, अजित पवार और शिंदे गुट के बीच भविष्य में सहयोग किस तरह काम करेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
महाराष्ट्र में इस बार के चुनावी नतीजे ने राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है, जहां महायुति ने मजबूत जनादेश हासिल किया है, और विपक्ष को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।
Khabarilalnews
Khabarilalnews.com