Arvind kejariwal letest news : दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को दिया झटका, कहा जो उपलब्ध नहीं, वो सीएम पद पर ना रहे
शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बावजूद पद पर रहना निजी फैसला हो सकता है। लेकिन जो उपलब्ध नहीं है। वो पद पर ना रहे तो ठीक होगा।
खबरीलाल न्यूज डेस्क: दिल्ली के सीएम Arvind kejariwal letest news पिछले एक महीने से शराब घोटाले के चलते जेल में बंद है। इस बीच सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हुई। दरअसल दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में ड्रेस और शिक्षा से जुड़ी अन्य सामग्री अब तक छात्रों को नहीं मिली है। जिस पर कल दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा क्योंकि एमसीडी स्कूलों के छात्र संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों के अनुसार मुफ्त किताब लेखन सामग्री और वर्दी के हकदार हैं। इसलिए नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि वह 5 करोड रुपए की व्यय सीमा से बाधित हुए बिना दायित्व पूरा करने के लिए आवश्यक व्यय करने के लिए कार्यवाही करें । उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम आयुक्त को नगर निगम स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए पाठ्य पुस्तक ,वर्दी ,नोटबुक, लेखन सामग्री आदि पर खर्च करने का अधिकार दिया है।
कोर्ट ने आगे कहा कि दिल्ली जैसी व्यस्त राजधानी ही नहीं किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का पद कोई औपचारिक पत्र नहीं है। यह ऐसा पद है। जहां पदधारक को बाढ़ आज और बीमारी जैसी प्राकृतिक आपदा यह संकट से निपटने के लिए 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहना पड़ता है। ऐसे में केजरीवाल Arvind kejariwal letest news का मुख्यमंत्री पद पर बने रहना निजी फैसला हो सकता । है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि स्कूल छात्रों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया जाए।
दिल्ली सरकार आलोचना के घेरे में –
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जमकर आलोचना की। कोर्ट ने कहा वर्तमान समय की स्थित से निपटने के लिए तत्परता से काम करने में असमर्थता, एमसीडी स्कूलों में नामांकित छात्रों की दुर्दशा के प्रति सरकार की उदासीनता जाहिर होती है। सरकार ने छात्रों के मौलिक अधिकारों के साथ जानबूझकर उलंघन किया है। दिल्ली सरकार तत्काल प्रभाव से छात्रों की व्यवस्था करे।
क्या है मामला –
आपको बता दें कि अदालत सोशल ज्यूरिस्ट नामक एक संस्था द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। याचिका दिल्ली सरकार के खिलाफ थी। जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार भी अभी तक एमसीडी स्कूलों में बच्चों तक पुस्तक, बैग, लेखन आदि सामग्री नहीं दी है। इतना ही नहीं वे टीनशेड के नीचे पढ़ रहे है। पिछली सुनवाई के समय एमसीडी आयुक्त पेश हुए थे। तब कोर्ट ने कहा था। लगभग दो लाख छात्रों को वर्दी, नोटबुक, पुस्तक बैग और अन्य सामान नही मिला है। कुछ दिनों में गर्मी की छुट्टी हो जाएगी। उससे पहले एमसीडी इसकी व्यवस्था करे।