Maldives Election Result 2024 : मालदीव के संसदीय चुनावों में भारत विरोधी मोहम्मद मोइज्जू की हुई जीत, कैसे होंगे भारत से रिश्ते
Maldives Election Result 2024 – मालदीव में कल हुए संसदीय चुनाव में भारत विरोधी राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने बड़ी जीत हासिल की है। मोहम्मद मोइज्जू चीन के करीबी बताए जाते हैं। क्या मोहम्मद मोइज्जू की जीत भारत के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है।
खबरीलाल न्यूज डेस्क: कल रविवार को मालदीव में हुए संसदीय चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू की पार्टी पीपल्स नेशनल कांग्रेस ने दो तिहाई बहुमत के साथ जीत हासिल की है। मोइज्जू की जीत इस बात का प्रमाण देता है कि मालदीव की जनता का झुकाव चीन की तरफ है। मोइज्जू शुरू से ही भारत विरोधी माने जाते हैं। जानकारी के मुताबिक मोहम्मद मोइज्जू की जीत हिंद महासागर में भारत के साथ संबंधों में खटास पैदा कर सकती है। पिछले चुनाव में भी मोहम्मद मोइज्जू को चीन का समर्थन हासिल था। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार मोहम्मद मोइज्जू को 86 में से 66 सीटों पर जीत मिली है। आपको बता दें कि जो 66 सीटें जीती हैं। वह 93 संसद में सुपर बहुमत के पहले ही पर्याप्त से अधिक सीटें हैं।
यह जीत मोहम्मद मोइज्जू के लिए कितनी अहम
चीन समर्थित मोहम्मद मोइज्जू के लिए यह जीत बहुत अहम थी। पिछले कुछ महीने से मोहम्मद मोइज्जू निशाने पर रहे हैं। दरअसल चुनाव से कुछ दिन पहले 2018 की भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद विपक्ष ने राष्ट्रपति की जांच और महाभियोग की मांग की थी। इसके अलावा जब से मोहम्मद मोइज्जू ने सत्ता संभाली है। सांसदो ने उनके नामितों 3 नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने पर रोक लगा दी थी। इस जीत के बाद मोइज्जू को अब संसद में विधेयक पास करने में आसानी होगी।
भारत से हुआ था विवाद
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षदीप दौरे के दौरान मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के दौरे पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके बाद भारत ने एतराज जताया था। इसके बाद भारत के लोगों ने मोदी का साथ देते हुए मालदीव में ना जाकर लक्ष्यदीप के ही पर्यटन को बढ़ावा दिया जिसके बाद मोहम्मद मिर्जा सरकार हिल गई विवाद। इतना बड़ा की तीन मंत्रियों को मालदीव सरकार ने निष्कासित कर दिया और उनसे माफी भी मंगवाई गई। विवाद के बाद मोहम्मद मोइज्जू ने चीन की यात्रा की। जिसके बाद उन्होंने भारत से अपने अपने सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही। इसमें कोई दोहराय नहीं है कि आने वाले समय में मालदीव और भारत के रिश्तों में और तल्ख़ियां देखने को मिलेंगी।